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तेनुघाट उपकारा (जेल) में 15 दिसम्बर को जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर एवं मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया।

मो० शबा की रिपोर्ट 

तेनुघाट ---- तेनुघाट उपकारा (जेल) में 15 दिसम्बर को जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर एवं मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्य अतिथि प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार ने बंदियों को कानूनी जानकारियां देते हुए बताया कि अगर आपके खिलाफ थाना में मामला दर्ज किया जाता है और आपको थाना से नोटिस जारी किया जाता है तो आप थाना में जाकर अपनी बात रख सकते हैं। ताकि आपकी बातों को सुनकर मामले की जांच पड़ताल की जा सके। आगे बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बतलाते हुए उन्होंने कहा कि नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची द्वारा जेल में बंद बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं। जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है।वहीं उन्होंने अपराध की प्रवृत्ति के बारे में बताया कि यह ऐसी क्रिया या क्रिया में त्रुटि है, जिसके लिए दोषी को कानून द्वारा निर्धारित दंड दिया जाता है। अर्थात अपराध कानूनी नियमों, कानून का उल्लंघन करने की नकारात्मक प्रक्रिया है, जिससे समाज के तत्वों का विनाश होता है। इसलिए हमें अपराध से बचने की जरूरत है। साथ ही उपस्थित सभी बंदियों की समस्याओं को सुना और उसके निराकरण का आश्वासन भी उन्हें दिया। पैनल अधिवक्ता नरेश चंद्र ठाकुर ने दहेज अधिनियम के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि दहेज लेना और देना दोनो अपराध है। इसलिए हमें अपराध से बचने की जरूरत है। अधिवक्ता जीवन सागर ने भी बंदियों को कानूनी जानकारियां दी। स्वागत भाषण जेलर नीरज कुमार ने करते हुए बताया कि जेल में बंदियों को जेल अधिनियम के तहत सारी अहर्ताएं पूरी की जाती है। मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने करते हुए बताया कि वैसे बंदी जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं। साथ ही बंदियों से उनके समस्याओं के बारे में पूछा और उनके निराकरण के लिए हर संभव प्रयास करने की बातें कही। उक्त जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने देते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय एव झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर तेनुघाट जेल में जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। किसी भी बंदियों के द्वारा आवेदन नहीं दिया गया था इसलिए किसी भी बंदी की रिहाई नहीं हुई। इस अवसर पर जेल में लगे मेडिकल कैंप में स्वास्थ्य जांच 6, दांत जांच 5 और आंख जांच 17 बंदियों का किया गया। मेडिकल कैंप में जांच करते समय अनुमंडलीय अस्पताल तेनुघाट के डॉक्टर शंभु कुमार, डेंटिस्ट पूजा कुमारी के साथ निवान कुमार, संजय कुमार एवं अनीता देवी मौजूद थे। वहीं लिपिक इश्तियाक अंसारी, कंप्यूटर ऑपरेटर विजय कुमार, मदन प्रजापति, आकाश कुमार, सचिन कुमार सहित जेल के पुलिस अधिकारी आदि मौजूद थे।

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